जब भी आप माँ कहते हैं आप ईश्वर का नाम लेते हैं


 

जब भी आप माँ कहते हैं आप ईश्वर का नाम लेते हैं | आपको पता है माँ का माँ होने ही उसकी सबसे बड़ी ख़ुशी है | जब वो अपने ममत्व को जीती है, वह खुश होती है, आनंदित होती है | उसकी साँसों की गिनती आपकी मुस्कुराहटों से है | आज मदर्स दे पर हमने कुछ पसंदीदा फोटोज को एक स्पेशल मैसेज के साथ अपलोड किया है, मैंने भी किया है | यह आम चलन है | ठीक भी है | वैसे बहुत सारी माओं को तो यह पता भी नहीं चलता की ऐसा कोई दिन आकर निकल भी गया | हम 'उस' दिन माँ को खुश करना चाहते हैं, पर इसे हम अपने स्वभाव में भी ला सकते हैं | और माँ को रोज़ खुश रखना बेहद आसान है | है ना ?

कभी आप उसके पैर दबा दीजिये, कभी सर की हलकी मालिश, तो कभी एक कप चाय बना दें | यूँ माँ तो हमसे हमेशा ही खुश रहती है, पर यह छोटा- सा कुछ माँ की लिए करके आप ना केवल स्वयं को भी खुश रख सकते हैं बल्कि अपने और माँ के इस रिश्ते की बेहद मीठी यादें संजो सकेंगे |

माँ छोटे- छोटे लम्हों में भी गहरे इत्मीनान को जी लेती है | माँ परवाह का एक और नाम है | स्नेह, वात्सल्य इसके पर्यायवाची हैं | चलिए उन जरियों को तलाशें जिसमें माँ की ख़ुशी छुपी होती है |

तब जब आप पुकारते हैं, " माँ, एक रोटी और देना "

जब वह दुलार की थपकी देकर आपको सुलाती है | 

जब वह आपके बालों में कंघी फेरते हुए बालाएं हटा रही होती है | नज़र का टीका आपके माथे के कोने में लगाती है |

आपका कमरा साफ़ करके व्यवस्थित करते हुए कमरे में राखी चीज़ों में अपना वात्सल्य भरती है |

वह आपको कम्बल ओढ़ाती है जब आप ओढ़ना भूल जाते हैं |

आपकी एक झलक पाकर, जब आप घर आते हैं |

ऐसे ही कई सुख स्त्रि को माँ बनने पर ही मिलते हैं |

हे प्रभु! आज की माँ केवल विकसित और बुद्धिमान बनकर न रह जाये | उसमें ' मातृत्व ' की दिव्यता बनी रहे |


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