जब हम अपने मन में आ रही बातों को, भावनाओं को, हमे बिना छेड़े, बस गुज़र जाने देते हैं, यही तो है mindfulness. ये वो स्थिति है जब हम हमारी आसपास की दुनिया को हर पल देखते और महसूस करते हैं। जहां हैं वहीं होते हैं, आगे(भविष्य) और पीछे (अतीत) दोनों से दूर।
अब ज़िन्दगी की इतनी सारी चिंताओं के बीच माइंडफुल हो जाना ज़रा मुश्किल सा ही लगता है। कैसे स्वीकार कर लें सब कुछ, जो जैसा हो रहा है उसे वैसे ही कैसे रहने दें इतनी आसानी से? यकीन मानिये, किया जा सकता है। कैसे? चलिए बताती हूं।
माइंडफुल ईटिंग (Mindful Eating)
मतलब माइंडफुल होकर खाना खाना। जब हम खाना खा रहे होते हैं, तब सहज होकर ध्यान से रोटी तोडना, उसे सब्जी से लगा कर, महक लेते हुए खाना, स्वाद प रपूरा ध्यान होना। सिर्फ खाने की खबर, हर चिंता बेचैनी से पूरी तरह बेखबर।
माइंडफुल ब्रीथिंग (Mindful Breathing)
सांस लेनी है। ये एक ऐसा काम है जो बिना सिखाये ही हम ने करना शुरू कर दिया था। जब छोटे थे तब सही तरीका पता था। जैसे ही बड़े हुए, सही कहूं तो हमने सांस लेना ही छोड दिया है। हां, सही बात है। तो हम जिन्दा कैसे हैं? Pumping से। चौंकिए मत। जैसे एक बीमार को वेंटीलेटर पे रख कर सांस दी जाती है जिस से उसकी सांसें कुछ समय के लिए चलती रहती हैं वैसे ही आपको नहीं लगता हमने भी अपने दिल को केवल पम्पिंग करने के लिए ट्रेनिंग दे दी है। पम्पिंग चल रही है, हम भी चल रहे हैं। महसूस करने को हमने secondary activity बना दी है। भूल गए हैं की इसी से ज़िन्दगी है।
माइंडफुल ब्रीथिंग के लिए लम्बी सांस भरिये अपने फेफड़ों में, सांसे भरती हुई महसूस कीजिये, 3 सेकंड ठहरिये। ताजा ऑक्सीजन पूरा शरीर महसूस करेगा। फिर बाहर निकल दीजिये। detox महसूस होगा। इस से दिल की धड़कने भी सहज होने लगती हैं, सिरदर्द जो एक आम समस्या है, हल्का होने लगता है। ये मन का आराम है।
सेंसेज (Senses)
अपनी सांसों को महसूस करने के बाद बारी आती है हमारी इन्द्रियों पर ध्यान देने की। हम जहां हैं, वहां हमे किस चीज़ की महक आ रही है, क्या सुनाई दे रहा है, तापमान कैसा है? यह सब महसूस करने के लिए अपने आप ही आपकी आँखें बंद हो जाएगी। हो सकता है कि आप बारिश या हवा को सुन सकें।
हम फिर इस समझ पाएंगे की हम रोजमर्या में कितना कम ध्यान देते हैं और जब हम ध्यान से करते हैं तो हमारा अनुभव कितना समृद्ध हो जाता है। अब समझे, आप क्या मिस कर रहे थे। इस आदत से हम अपने थके हुए शरीर को और ज़्यादा आराम दे सकते हैं। है ना ये एक शानदार तरीका।
बॉडी स्कैन (Body Scan)
कोशिश कीजिये की आप अपने शरीर के हर हिस्से को महसूस कर रहे हैं। उँगलियाँ, हाथ, कंधे, पीठ, पीछे का हिस्सा, नीचे पैर, जांघें, घुटना, तलवे, पैरों की अंगुलियां सब। इस प्रक्रिया को आप सोने के लिए भी कर सकते हैं।
यह हमे गहरी और आरामदायक नींद में ले जाने में मदद कर है। आप महसूस रखेंगे की आप खुद के प्रति पहले से ज़ायदा विचारशील होने लगे हैं।
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