जो बसंत ना हो पाई वो ऋतू होने से चूक गई

फिर छिड़ी बात महकने-महकाने की 

yellow flowers to bloom in spring


पिछले वसंत से इस वसंत के सफर में कई सारे हिचकोले थे। कोरोना को हरा, हमने 2021 की बसंत जीत ली। पीली सरसों की महक, पीले पत्तों की बारिश, पपीहा की गूंज, फूलों की फ़ौज हमारी बख्शीश हैं

ये मीठी महक, मीठा मौसम, उमंग भी मीठी है, लगता है बहारों ने दरवाजे खोले हैं। आह! किस मीठे मौसम ने पुकारा है! ये हसरतों की नज़ाखत है। नज़ारों ने होली खेली है। पड़ें से होकर हवाओं ने बंसी बजायी है। भीनी खूशबूएं साँसों घुलने लगी हैं। धरती स्वर्ग सी खिलने लगी है। तोड़ के हर बंधन को, चलिए बाग़ में। बगीचे की पीली चूनर ओढ़ ली है मैंने। अपनी इस चोटी में दुनियां को बांध, महकती हवाओं परों पर बैठ पहुंच जाऊंगी आप तक। चलिए, इस रूहानी मौसम में खत्म कर दें हर तल्खी पुरानी। 

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आपके होने का भाव है, वो समय है जब आप साथ थे। इस बसंत में अकेला ना रहने के फ़िलहाल इतना ही काफी है। पुराने किले के पिछले हिस्से में राखी बेंच पर बैठ कर अनंत आकाश में उड़ते कबूतरों पीछे ऊंचाई पर बने जयगढ़ के गोलम्बरों को देखा था। वो लम्हें जब मैं आपसे कहा करती थी और आप मान लिया करते थे, उन्हें अब मैं सिरहाने रख कर लेटती हूं। कई बार मेरी करवटों को वो लम्हे अब सहलाया करते हैं।  

flowers bloom in spring


चांदनी बरस रही है छत पे, आओ ना, रातरानी के फूलों से मेरी चोटी सजा दो। मेरी गोद में सर रखकर आप चाँद से कहो की वो हमें एकांत दे। याद है वो खुशबूऐं जो हमारे यादों के बगीचे को महकाती थीं? खिड़कियां खोलिये, उन हवाओं ने दस्तक दी है। साथ चलो ना मेरे इस ज़िन्दगी के बसंत में। उस गुलाब के पास बैठेंगे, साथ सुनेंगे कैसा महकता है, गुनगुना के, मुस्कुरा के, खिलखिला के। अगर हम चाह लें, तो हमेशा बना रहेगा बसंत, हर ऋतू हो जाएगी बसंत।        

What flower symbolizes spring?


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