कैसे चुनूं, किसी एक को !

 कैसे लें फैसला?

How do you choose the right choice?


फैसले लेना एक बड़ा काम है। यहीं तो अटक जाते हैं हम अक्सर। इस राह को चुनें या उस राह को, मन खिंचता रहता है कई बार। तो कैसे करें, कैसे लें फैसला! एक सुझाव जो मददगार साबित हो सकता है वो है paper pen activity.  

कोई भी मसला जिसे लेकर आप बेचैन हैं उसे एक पेपर पे लिखें, अब वो जो रास्ते जो द्वंद में दाल रहे हैं  उन्हें भी  लिखें। दोनों फैसलों में से होने वाले भावी नतीजे सोंचें और लिखें। हित में फिलहाल दोनों ही लग रहे हैं, होंगे, पर क्यूंकि दोनों को चुन तो नहीं सकते इसलिए जो ज़्यादा बेहतर हो वही चुनना चाहेंगे आप भी। और वह फैसला कौन सा है, इसका जवाब आप पेपर पर लिख कर निकाल लेंगे। तो समय के मुताबिक, प्राथमिकता के आधार पर दोनों पक्षों के संभावित हितों को लिखिए और फिर फैसला लीजिये।    

यह (management) प्रबंधन का एक मॉडल है। और  प्रबंधन तो सबसे महत्वपूर्ण विषय है। इस तरह व्यवहारिक ढंग से सोंचने में फैसला लेना सुकून भी देता है। नए तरीकों से सोंचने पर, नए दरवाजे खुल जाते हैं और राहें तलाशना आसान हो जाता है। और हमेशा इस बात की तकलीफ या बेचैनी से मुक्त हो जाएंगे की क्या मैंने जो किया वो सही में करना चाहिए था। बजाये इसके, आपको हमेशा यह इत्मीनान रहेगा की जो किया वह पूरी तरह से सोंच और समझकर किया। 

तो नतीजा जो भी हो, जब राह दिलचस्प हो, और सलीका हो, तो चीज़ों को पूरा होने में थोड़ी देर भले हो जाए, पर नुक्सान की संभावना ज़रूर कम हो जाती है।   

  

Reactions

Post a Comment

0 Comments