अगर कुछ दरक गया है तो उसे छुपाइये मत। उसे दिल लगाकर जोड़िये। उसे पहले से कहीं बेहतर और खूबसूरत बना लीजिए। क्योंकि दरारें छिपाई नही जानी चाहिए। छुपाने की कवायद में हम भीतर ही भीतर घुटते रहते हैं। हक़ीक़त को नकारते रहते हैं। जबकि इसे स्वीकार लेने से न केवल राहत मिलती है बल्कि सकारात्मकता भी आती है।
चीनी मिट्टी की चीज़ों को सोने से जोड़ने की #जापानी कला #किंत्सुगी यही कहती है। 'किन' यानी स्वर्ण और 'त्सुगी' यानी मरम्मत। मतलब सोने से की गई मरम्मत। जापानी अपनी चीजों को संवारने के लिए अपना सबसे क़ीमती संसाधन झोंक देना जानते हैं। यह बड़ी समय - साध्य कला है। एक मर्तबान को जोड़ने के लिए महीना भर तक का समय लग जाता है।
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