ख़ुशी, हम सभी को चाहिए
तो आइये जानते हैं इसे इत्मीनान से बनाने की विधि-
हमे चाहिए उम्मीद, जोखिम और फैसला।
उम्मीद से मिलती है हिम्मत
उम्मीद का होना ही जीवंतता का सूचक है। जिस तरह कहते हैं की विश्वास पे दुनियां कायम है वैसे ही उम्मीद पे ये जिंदगी। जब हम जिंदगी को देखते हैं, उसके बारे में सोंचते हैं तब या तो हमारी सुरक्षित सोंच हमे सीमित विकल्प दिखाती है। या फिर एक बुलंद सोंच हमे सीमाओं के आगे जोखिम लेने का साहस देती है। अगर उमीदें बड़ी हैं तो ज़ाहिर है जोखिम भी ज़्यादा होगा। छोटी उमीदों का काम सुरखित विकल्प से चल जाता है।
जोखिम देता है प्रेरणा
यूं ज़्यादातर लोग जोखिम को कम पसंद करते हैं। इसे स्वीकार करने के लिए भरपूर साहस चाहिए। पर अपनी उमीदों को पूरा करने के लिए हम हर संभव जोखिम उठाने को प्रेरित होते हैं। पहलू बदल के देखा जाए तो जोखिम एक ऊर्जा है। हमारी लगन के लिए पेट्रोल है। जुनूनी इसे तकनीक की तरह इस्तेमाल करते हैं। इसका अपना ज़ायका है। इसका गणित कहता है, जितना बड़ा जोखिम, उतना बड़ा ब्याज। ये ब्याज है उमीदें पूरा होने ख़ुशी।
फैसले लक्ष्य देते हैं
जीवन में हमेशा कोई न कोई फैसला लेना ही होता है। किसी ना किसी तरह का जोखिम उठाकर ही हम फैसला लेते हैं। ये फैसले हमारे लक्ष्य को निर्धारित कर देते हैं। फिर कोशिशें होती हैं। हो 100 % दम लगाया जाए तो चीज़ें अनुकूल होती हैं जिससे हमे ख़ुशी मिल जाती है। और अगर उमीदों से भी बेहतर जो होगया फिर तो ख़ुशी की गहराई बढ़ जाती है। जो कम हुआ तो स्वाद बिगड़ भी जाता है।
इसलिए उमीदों को मैनेज करना समझना है और सीखना है।
0 Comments