पूरी रात भर में सद्गुरु करीब तीन से चार बार हमसे मिलने, हमें प्यार करने, हमारे उत्साह को बढ़ाने, हमारा बार बार स्वागत कर…
मैं अकेली थी और मेरी तरह कई और भी अकेले आए थे महाशिवरात्री का यह विहंगम कार्यक्रम देखने। पर वहाँ उस वक्त ऐसा लग रहा था…
यूँ ज़िंदगी गति का नाम है। पर ऐसे ठहराव दृश्य दिखाते हैं जिंदगी के। गाना पूरा हुआ और गोदावरी में नए बने साथियों से मेरी …
2:30 बजे की धूप कैसी होती है? इसका मुझे पूरा स्वाद आ रहा था। जिस पर मेरे पसंदीदा काले कुरते ने आग में घी का काम किया। क…
भारत के कोने कोने से लोग छुट्टी लेकर, इस महामेले के साक्षी बनने आए थे। कोई कहीं से भ…
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