ठेकुआ - मिठाइयों में ठाकुर


कुरकुरा ठेकुआ - छठ पूजा का सुपरस्टार

कैसे बताएं क्या है ठेकुआ! माँ का दुलार है, महापर्व छठ का प्रसाद है या नानी घर से दादी घर लेकर जाने वाला सन्देश है। 


ठेकुआ मुझे मेरे बचपन में मेरे नानी घर के आँगन में ले जाता है। मेरा प्यारा नानीघर बिल्कुल वैसा ही है जैसा हमने अपने बचपन की कहानियों की किताबों में देखा है। एक बड़ा सा घर जिसमे बड़ा सा आँगन है। घर का द्वार - जहाँ घर के पुरुष, मुखतः बुजुर्ग बैठ कर किसी न किसी बात पर चर्चाएं करते मिलेंगे। और उसके ठीक सामने भी एक और बड़ा आँगन है। जहाँ घर के पालतू गायें अपने बछड़ों समेत रहती हैं। दोनों तरफ ऊंचे नारियल के पेड़ और ठीक सामने बाँध जिसके नीचे कल कल बहती बागमती नदी। यह सुरम्य दृश्यों वाले गांव का नाम है - सोनवर्षा। यह पटना के खगड़िया जिले में बसा एक छोटा और भोला सा गांव है। 



जी हाँ, घर की छत जिसकी सीमा पर दीवार नहीं बनाई थी। इसलिए वहां बैठ कर इतना मोहक दृश्य प्रस्तुत होता की पिता जी अक्सर अपना ज़्यादातर समय वहीँ गुजरना पसंद करते। जब मैं माँ-पिताजी के साथ अपनी गर्मी की छुट्टियां मनाने आती थी। डेढ़ महीना कब निकल जाता पता ही नहीं चलता। छुट्टियां जब ख़त्म होती और वापस जयपुर लौटने की बारी आती तब शुरू होता ठेकुआ बनाने का अभियान। 

ठीक वैसे ही आज मेरी माँ मेरे दिवाली की छुट्टियां मनाकर वापस कार्यस्थली पर लौटने वक़्त साथ लिए जाने के लिए ठेकुआ बना रही है। यह एहसास मुझे मेरे बचपन के नानी घर के गलियारों में घुमा लाया। तब माँ तीस की रही होगी और अपनी नन्ही ऊरू के साथ वापस ससुराल लौटने की तैयारी करते समय क्या सोंचती होगी। क्यूंकि तब पटना - जयपुर आना जाना इतना आसान ना था। साल-साल भर का इंतज़ार। 


मेरी नानी अपने भावना के गुबार को दिल में दबाये रखती। अपनी सबसे स्नेहिल बेटी को उसके ससुराल के लिए विदा करने पर बेटी के ससुराल वालों के लिए सन्देश बनाने में जुट जाती और घर के कई सदस्य इसमें भाग भी लेते। सिलसिला शरू होता सन्देश बनाने का। ठेकुआ और लाई  बनाई जाती। तो आज मैं आपको ठेकुए के बारे में बताती हूँ। यह पकवान बिहार - यूपी जैसे राज्यों में बेहद प्यार किया जाने वाला व्यंजन है। यह मुखयतः दो तरीकों से बनाया जाता है। बनाने की विधि वही रहेगी बस अदला बदली होगी तो गेहूं के आटे से  मैदे की और गुड़ से चीनी की। जी हाँ, नीचे मैंने जो तरीका बताया है वह गेहू के आटे से ठेकुआ बनाने का है, जिसमे गुड़ इस्तेमाल किया गया है। और दुसरे तरीके में आप गेहूं के आटे की जगह मैदा ले सकते हैं। और गुड़ की जगह चीनी।   

ठेकुआ की कहानी: स्वाद, परंपरा और कुरकुरेपन का जादू

कभी सोचा है, मिठास और कुरकुरेपन का कॉम्बिनेशन इतना पावरफुल कैसे हो सकता है? झारखंड और बिहार का पारंपरिक सुपरस्टार ठेकुआ इसका जवाब है! छठ पूजा के मौके पर बनने वाला यह मीठा पकवान न सिर्फ भोग का हिस्सा है, बल्कि एक इमोशनल कनेक्शन भी है। लेकिन रुकिए, ठेकुआ का मजा सिर्फ त्योहारों तक क्यों सीमित रखें? इसे बनाइए, खिलाइए और अपने किचन को महका दीजिए।

ठेकुआ के किचन हीरोज़ (आवश्यक सामग्री)

  • गेहूं का आटा - 2 कप (300 ग्राम)
  • गुड़ - ¾ कप (150 ग्राम)
  • नारियल - ½ कप कद्दूकस किया हुआ (50 ग्राम)
  • घी - 2 टेबलस्पून (गूंथने के लिए)
  • तेल - तलने के लिए
  • इलायची - 5 (छोटी लेकिन ज़रूरी)

ठेकुआ बनने की फिल्मी विधि

सीन 1: गुड़ का मैजिक

सबसे पहले, गुड़ को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़िए। अब इन्हें एक भगोने में आधा कप पानी के साथ डालकर गर्म करिए। जैसे-जैसे गुड़ पानी में घुलेगा, वैसे ही रसोई में एक मीठी खुशबू का डेब्यू होगा। ध्यान दीजिए कि गुड़ पूरी तरह से घुल जाए। फिर इसे छलनी से छानकर स्टेज क्लीन कर लीजिए।


सीन 2: आटा गूंथने की आर्ट

अब कूटी हुई इलायची और कद्दूकस नारियल को गेहूं के आटे में डालिए। इसमें गुड़ का घोल और 2 टेबलस्पून घी मिलाकर गूंथना शुरू करें। आटा सख्त होना चाहिए, जैसे ठेकुआ बनाने का इरादा।



सीन 3: डिज़ाइनर ठेकुआ

आटे से छोटी-छोटी लोइयां बनाइए। अगर आपके पास ठेकुआ का सांचा है तो कमाल! लोई को सांचे पर रखकर हल्के हाथ से दबाइए और एक सुंदर ठेकुआ तैयार करें। अगर सांचा नहीं है, तो कोई बात नहीं। छलनी, प्लास्टिक की टोकरी या कद्दूकस आपके डिजाइनिंग टूल्स बन सकते हैं।




सीन 4: तेल का तड़का और कुरकुरे ठेकुए का जलवा

कढ़ाई में तेल गरम कीजिए। ठेकुए को मीडियम गरम तेल में डालिए और उन्हें पलट-पलट कर गोल्डन ब्राउन होने तक तल लीजिए। ध्यान रहे, धीमी आंच पर तलें ताकि ठेकुआ बाहर से खस्ता और अंदर से सही पका हुआ हो।

अंतिम सीन: ठेकुआ का फिनाले

तले हुए ठेकुए को पेपर नैपकिन पर रखिए ताकि एक्स्ट्रा तेल हट जाए। ठंडा होने दीजिए और फिर एयर-टाइट कंटेनर में स्टोर करें। ठेकुए का स्वाद एक महीने तक बरकरार रहेगा।



कुछ टिप्स मेरी माँ - किचन क्वीन से -

  • ठेकुआ में ट्विस्ट डालना है? काजू, किशमिश, या अपने फेवरेट ड्राई फ्रूट्स ऐड करें।
  • डिज़ाइन की जगह सीधे गोल ठेकुए भी बना सकते हैं। सादगी भी एक स्टाइल है!

तो बस, अब इंतजार किस बात का? ठेकुआ बनाइए, खाइए और हर बाइट में त्योहार का मजा लीजिए! क्योंकि जिंदगी छोटी है, और ठेकुए जैसे मजेदार पकवान इसे मीठा बनाने के लिए काफी हैं। 😋




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