जिसे जीवित देख रहे हैं, वो भीतर से भी जीवित है! आप कितने जिंदा हैं? महज़ सांसों का चलना, जीवित होने का कितना सही मापदंड…
ये बस पहचान लेते हैं उसे दो सड़कों के बीच डिवाइडर के चौड़े किए जाने या शायद तिराहा बनाने का काम चल रहा था। ज़मीन खुदी हुई…
मुस्कुराहटों के सिलसिले मुस्कुराना, जिसे हम कई बार याद नहीं रखते, वापस चेहरे पर लाते हैं, एक दूजे देकर एक सिलसिला बना…
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