क्या आप संवेदनशील हैं ? अवहेलना आसान है पर उसका अंजाम आसान नहीं। मन दुखता है और इस दुःख को नज़रअंदाज़ करना आसान नहीं। देख…
Meditation for Mental Health: How Abstract Art Calms the Mind In the 'hurry'cane of modern life, where every m…
पूरा जाने बिना राय कैसे बना सकते हैं? क्या केवल अपने हिस्से के सच को जानकर संतुष्ट हो जाना ठीक बात है? क्या सिर्फ अपने …
सिर्फ एक चीज़ ही काफी है! जब हम कहते हैं "कोई कहां से कहां पहुंच गया", तब ह…
उत्सवी उत्साह को जिंदगी में ऐसे थाम लिया जाए पर्व खुशगवारी लाते हैं। कई दिन पहले से ही हम इसकी तैयारी में जुट जाते हैं…
कहां हैं आप? कहां होना चाहते हैं? मज़ाक नहीं, वाक़ई यह प्रश्न है मेरा। थोड़ा विस्तार से पूछती हूं। मैं उस पते की बात नहीं …
जिसे मन में जगह दी है, जुबां पर उसी की गंध रहती है बातों का लहजा बता देता है कहने वाले का मन कैसा है कुछ लोग हमेशा क…
जब रिश्ते सिर्फ "क्या किया" से बनते हैं तब उनमे वो मज़बूती नहीं रहती जिसे हम ढूंढ रहे हैं। रिलेशनशिप, आजकल य…
चलिए माफ़ करते हैं उनके लिए नहीं, खुद के लिए और उनके लिए भी हम सभी को जिंदगी में कभी कहीं किसी ने चोट पहुंचाई है, दि…
दिखा तब, जब अंधेरा छा गया कहते हैं, अंधेरे में दिखना बंद हो जाता है। रौशनी ही आंखों की सहेली है। और अंधेरा रौशनी का सा…
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