जब रिश्ते सिर्फ "क्या किया" से बनते हैं तब उनमे वो मज़बूती नहीं रहती जिसे हम ढूंढ रहे हैं। रिलेशनशिप, आजकल य…
रिश्तों की नब्ज़ पहचानें इन दिनों, हमारा, जैसा रिश्ता सबके साथ होना चाहिए, वैसा है नहीं। पति के साथ, पत्नी के साथ, बच्च…
हां, परवाह ही प्यार है ज़िन्दगी में प्यार रंग-बिरंगे कागज़ों लिपटा हुआ नहीं मिलता। प्यार महसूस होता है परवाह के सादे स्…
काय पो छे ! कुछ एक सा ही रहता है पतंग की डोर और इंसानी रिश्तों का ताना-बाना परिवार, दोस्त या सहकर्मी, रिश्ता चाहे किसी …
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