जब रिश्ते सिर्फ "क्या किया" से बनते हैं तब उनमे वो मज़बूती नहीं रहती जिसे हम ढूंढ रहे हैं। रिलेशनशिप, आजकल य…
रिश्तों की नब्ज़ पहचानें इन दिनों, हमारा, जैसा रिश्ता सबके साथ होना चाहिए, वैसा है नहीं। पति के साथ, पत्नी के साथ, बच्च…
दिखा तब, जब अंधेरा छा गया कहते हैं, अंधेरे में दिखना बंद हो जाता है। रौशनी ही आंखों की सहेली है। और अंधेरा रौशनी का सा…
थोड़ी दूरी, है ज़रूरी चाहे कोई परिस्थिति हो, कोई व्यक्ति या कोई चीज़, किसी का स्वरुप हमेशा एक जैसा नही रहता। ऐसे में हम ज…
हां, परवाह ही प्यार है ज़िन्दगी में प्यार रंग-बिरंगे कागज़ों लिपटा हुआ नहीं मिलता। प्यार महसूस होता है परवाह के सादे स्…
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